माटिन किंग लूथर ने एक सपना देखा था कि एक दिन जाजिया की लाल पहाड़ियो पर पूवॆ गुलामो और पूवॆ गुलाम के मालिको के बेटे साथ-साथ भाई चारे की मेज पर बैठने के लायक होगें । मेरा सपना है कि मेरे चार छोटे बच्चे एक ऐसे देश में रहेगे ,जहां उन्हे उनकी त्वचा के रंग से नही ,बल्कि इनके चरित्र के आधार पर आंका जाएगा । आज लगता है कि लूथर का सपना ४५ साल के बाद पूरा हो गया है औऱ बराक हुसैन ओबामा अमेरिका के राष्टपति चुन लिये गए है । शायद लूथर इस समय जिंदा होते तो अपने सपने को साकार होते देखते । लेकिन पूरी दुनिया ने दुनिया के सबसे ताकतवर पद पर आसीन होते एक अश्वेत को देखेगा ,जो अमेरिका के २१९ साल के दावे को तोड़ेगा । पहले अश्वेत को पद पर आसीन होने में इतना समय लगा यह अमेरिका में गोरे औऱ काले के बीच भेद की कलई को उजागर करता है । अमेरिका शुरू के दौर से ही नस्लवाद के चपेट में रहा है । गोरे औऱ काले के बीच इतना अंतर है कि इसकी लहर दुनिया में हर जगह सुनाई देती है खासकर इस बार के चुनाव ने इसे उज़ागर करने में कोई कसर नही छोड़ी । शायद दुनिया के लोगो को यह विश्वास नही हो रहा था कि श्वेत कलर पर काले रंग की चादर कभी अमेरिका में बिछाया जा सकता है लेकिन बराक ओबामा ने जो कर दिखाया वह सभी के लिए आश्चयॆ से कम नही है । खासकर यही देखा गया कि न केवल श्वेत बल्कि अश्वेत ने भी ओबामा को बोट देकर जीत दिलाने में कोई कसर नही छोड़ी । अब श्वेत अमेरिका समाज की कमान ब्लैक ओबामाके हाथ में होगी । जिसपर काफी जिम्मेवारी होगी । पहली जिम्मेवारी होगी श्वेत और अश्वेत के बीच खड़ी लकीर को पाटना और एक समाजिक एकता कायम करना । समाज में खड़ी अनेकता को पाटना और एक ही छत के तले एक ही मेज पर बैठाना एवं सौहादॆ बनाना । जो इतना आसान नही है । दुसरी औऱ एक अमेरिका मंदी के दौर से गुजर रही है । ऐसा असर शायद १९२९ के बाद से ही देखने को मिला है । १९२९ की मंदी से दुनिया के सभी देश प्रभावित हुए थे । इस बार अमेरिका में इसका सबसे ज़्यादा असर दिखाई दे रहा है । देश को संकट की स्थिति से निकालने की जिम्मेवारी भी ओबामा के कंधो पर होगी । ओबामा को वजिॆश करने की सलाह देनेवालो के लिए यह किसी आघात से कम नही है । जो अमेरिका में देखने को मिला । वही कीनियाई औऱ अफ्रीकी मुल्क में जश्न का आलम भी ख़ूब देखा गया । ओवामा ने न केवल अमेरिका बरन दुनिया के अन्य देशो के सामन मिसाल पेश की है । अब उन कमजोर माने जाने वाले कंधो पर देश की कमान है । लूथर औऱ अंबेडकर के सपने को साकार करने का बक्त हो चला है ।
1 comment:
HAD HAI.....KYA PADHA HAI AAPNE....
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