नया साल अपने आखिरी दहलीज पर पांव थामें खड़ा है...हमलोग रफ्ता-रफ्ता अपने अंदाज में इसे रूकसत करनेे को तैयार हैं। नए साल का ेइस्तक़बाल करने को आतुर है....और बांह पसारे खड़े है । चंद घंटों में साल 2008 गहरी नींद में सो जाएगी । नएा साल प्रभात की किरण के धरती पर आते ही लोगो के दिलों में कोलाहल मचाने लगेगी । आगमन के स्वागत की तैयारियां पूरू हो चुकी है...गोवा शिमला और विक्टोरिया पैलेस शैलानियों के आगमन से कसमकस हो चुका है । कहीं आधी रात की पाटीॻ का हलचल है। शहर मुम्बई फिल्मी अदाकाारा के जिस्मानी जलबे के साथ नए साल की सुगबुगाहट पाने को बेताब है। हलांकि प्रशासन के तरफ से यह हिदायत मिली है कि सुरॿा कारणों की बजह से रात बारह बजे के बाद किसी तरह की पाटीॻ न करें। लेकन नए साल के आगमन को लेकर लोगो के दिल में दिलचस्पी है जो अपने-अपने तरीके से भुनाना चाहते है ।
नए साल के आगमन और पुराने साल के विछड़ने का सिलसिला वषोॻ से चलता आ रहा है । मसलन बीते साल को हम विदा कर रहे है जो हमारे लिए कई यादो को अपने साथ सहेजे है । इस साल में हमने कई उपलब्धियों को हासिल किया तो कई धटनाओ ने हमारे जख़्म फिर से हरेे कर दिए । एक तरफ हमने अमेरिका-अमेरिका न्युक्लियर डील दुनिया के सामने सुपर पावर होोने का संकेत दिया ।ो दूसरी और चंदॺयान की सफलता ने हमारे वैॾानिको के वषोॻ से सॅंजाये सपने को साकार कर गया । चांद पर हमने तिरंगा लहराकर अपनी वैॾानिक कुशलता की पहचान दी । लोकतांंंंत्रिक प्रक्रिया में भी हमने सबसे बड़े लोकतंत्र होने का अहसास दुनिया को कराया है । जिसकी ताजा मिशाल जम्मू-कश्मीर चुनाव है । जहां मतदाताओ ने चढ-बढ़कर हिस्सा लिया । और दिखला दिया कि हम आतंक और दहशत के साये में जी कर भी लोकतंत्र में विश्वास रखते है । ऐसा पहली बार हुआ कि जम्मू-कश्मीर के मतदाताओ ने 69 से लेकर 60 प्रतिशत का मतदान किया । मतदान में महिलाओ के साथ-साथ पुरूषो ने भी महत्वपूणॻ भूमिका का निवाॻह किया ।जनता ने अपने मत से सरकार चुनकर अलगावादियो और अमन के दुश्मनों को करारा जबाब दिया है ।
इस साल खेल में भी हम किसी से पीछे नही रहे । बीजिंग ओलंपिक तो बस एक शुरूाआत रही ...उसमें भी भारतीय अभिनव,अखिल और विजेन्दॺ ने भारत का नाम रौशन किया । आगे यही तीनो अन्य भागेदारी के लिएें कमर कसे हुए है और नयी फसल भी तैयार कर रहे है।विश्वनाथन आनंद की बादशाहत आज भी बरकरार है । दुनिया के 64 खाने के बादशाह उनके सामने नतमस्तक हैं ।सचिन तेंदुलकर रूकने का नाम ही नही ले रहे है । रनो और शतकों के पहार के साथ-साथ रिकाडोॻ के पहार भी खड़े करते जा रहे है । हाॅल ही उसने लारा का रिकाडॻ तोड़ क्रिक्रेट में अपने नाम एक नई इबारत लिखी है ।धोनी जहां जाते है धूम मचा देते है । चाहे वन डे की कप्तानी हो या ट्वेंटी-टवेंटी या अब फिर टेस्ट की कप्तानी हर जगह धोनी की धूम है । खेल के हर ॿेत्र में इस साल हमने नई इबारत लिखी है।
कुल मिलाकर आतंकी हमलों के जख़्म को छोहकर साल 2008 हमारे लिए कामयाबी का साल रहा है । केवल आतंक के जख्म ने हमें हर बार झकझोरा है । हाल ही में मुम्बई में हुए आतंकी हमले ने हमारे देश के शान के ऊपर हमला किया है । लेकिन इसके लिए हम तैयार है और आतंकियों को हम हमले का माकूल जबाब देगे। राजनीति,खेल,और फिल्म से लेकर वैॾानिक ॿेत्र में हमने कामयाबी हासिल की है । वस यही सिलसिला नये साल में भी जारी रहे । नये साल में भारत और नई ऊचाई पर पहुंचे । नये साल के आगमन पर आपलोगों को हादिॻक धन्यवाद
जय श्रीराम
10 years ago
4 comments:
भाई धीरज जी ,आप पत्रकारिता मैं कदम रख रहें हैं जान कर खुशी हुई ,पत्रकारिता मैं भी धीरज से ही कदम बढ़ाने होते हैं आपने पोस्ट मैं नए साल का आगाज ,अपने अंदाज मैं किया है ,अभी तो शुरुआत है ,एक ही बात कहूँगी पत्रकारिता ही एक मात्र ऐसा पेशा है जिसमें आदमी जिन्दगी भर सीखता है आपके उजवल भविष्य के लिए शुभकामना
अच्छी और पॉजटिव सोच के साथ नए साल की शुरुआत...बढ़िया लिखा है धीरज...बधाई
मुझे Journalistviv@gmail.com पर मेल करना अपना नंबर...शायद हम एक-दूजे के काम आ सकें...
वाह धीरज, मै भी बिहार की अनुपम ज़मीन की सौगात हूँ. आपको देखा तो सहसा कमेन्ट करने का दिल किया. वैसे पेशे से मै भी पत्रकार हु और तक़रीबन ५ सालों से देश की सेवा कर रहा हूँ.
नए साल की बधाई.
Post a Comment